मुख्तार अंसारी को नेस्तनाबूद करने वाले जांबाज IPS की कहानी

यह कहानी है एक ऐसे जांबाज IPS अफसर की जिसने मुख़्तार (Mukhtar Ansari) की जुर्म की दुनिया को मिट्टी में मिलाकर रख दिया। एक ऐसा आईपीएस जिसने उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े डॉन मुख्तार अंसारी के सभी अवैध धंधे बंद करा आर्थिक रूप से उसकी कमर तोड़कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और पंजाब की रोपड़ जेल से उसे घसीटकर वापस यूपी लाया।

अनुराग आर्य वही IPS अधिकारी हैं, जिन्होंने पहली बार माफिया मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलवाकर उसकी जुर्म की बादशाहत को मिट्टी में मिलाकर रख दिया था। कई दशकों से जुर्म का साम्राज्य चलाने वाले यूपी के मऊ जिले के खूंखार माफिया मुख्तार अंसारी पर ऐसी कड़ी कार्रवाई करने वाले जांबाज आईपीएस अधिकारी अनुराग आर्य ही थे। 

आइए आज हम आपको इसी तेज तर्रार आईपीएस अनुराग आर्य (IPS Anurag Arya) के बारे में बताते हैं-

जन्म और शिक्षा-दीक्षा

अनुराग का जन्म पश्चिम यूपी के बागपत जिले के छपरौली गांव में 10 दिसंबर 1987 को हुआ था, जो कि अब एक विधानसभा क्षेत्र है। छपरौली विधानसभा क्षेत्र पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम से जाना जाता है। क्योंकि वे यहां से 40 साल तक लगातार विधायक रहे। 

अनुराग की मां पूनम आर्य और पिता रमेश चंद्र आर्य दोनों आयुर्वेदिक डॉक्टर थे। अनुराग का एडमिशन गांव के सरस्वती शिशु मंदिर में करवाया गया और उनकी सातवीं क्लास तक की पढ़ाई गांव के इसी स्कूल में हुई, जहां उन्हें प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कार की शिक्षा भी दी गई।

अनुराग आर्य बताते हैं कि सरस्वती शिशु मंदिर में संस्कार तो मिले पर अंग्रेजी कमजोर होती चली गई। उस समय उन्हें इंग्लिश से काफी डर लगता था। बावजूद इसके उन्होंने इंग्लिश को ही हथियार बनाने का फैसला किया। वर्ष 2008 में उनका एडमिशन देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री स्कूल (IMS) में हो गया। यहां उनकी पर्सनालिटी काफी डेवलप हुई। इस दौरान उन्होंने घुड़सवारी, माउंटेनियरिंग और राफ्टिंग जैसे स्पोर्ट्स इवेंट में कई मेडल भी जीते।

BHU से BSc लेकिन MSc में फेल

अनुराग ने BHU से B.Sc. PHYSICS, CHEMISTRY और MATHS विषय से किया। बाद में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में एमएससी (M.Sc.) में एडमिशन लिया। हालांकि एमएससी में अनुराग फेल हो गए। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी।

8 महीने की RBI की नौकरी

वर्ष 2013 में अनुराग का चयन आरबीआई (RBI) में मैनेजर पद पर हो गया। उन्होंने आरबीआई की नौकरी ज्वाइन भी कर ली तथा कानपुर में 8 महीने रहकर उन्होंने आरबीआई की नौकरी की।

मां के सपने को पूरा करने के लिए बने IPS 

आईपीएस अनुराग आर्य की IPS बनने की चाह बचपन से नहीं थी, वह तो कुछ और करना चाहते थे। आईपीएस अनुराग आर्य एमएससी करके टीचर बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

अनुराग आर्य अपने ब्लॉग में लिखते हैं, "RBI में नौकरी लगने के बाद कुछ सामान्य महसूस कर रहा था। 8 महीने तक आराम से नौकरी करता रहा। मैं एक स्पोर्ट्स पर्सन था इसलिए बहुत ऑफिशियल नौकरी पूरी तरह रास नहीं आ रही थी। इसी बीच एक दिन मैं अपने घर गया हुआ था। उस समय स्टार गोल्ड और सेट मैक्स चैनल पर गंगाजल फिल्म बार बार आया करती थी। मेरी मम्मी अकसर इस फिल्म को देखने बैठ जाया करती थीं। जब भी वह यह फिल्म देखतीं तो उन्हें लगता कि एक दिन मेरा बेटा भी बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन की तरह टोपी लगाकर IPS अफसर बनेगा। 

एक दिन मेरे सामने ही यह फिल्म चल रही थी तो यह फिल्म देखते हुए मेरी मां ने कहा कि बेटा तेरे सिर पर ये आईपीएस की टोपी कब लगेगी। मां की इस बात ने मुझको काफी प्रभावित किया। इसके साथ ही मैं भी चूंकि मिलिट्री स्कूल में पढ़ाई कर चुका था तो वर्दी का शौक भी था। बस उसी दिन से ठान लिया कि अब IPS की वर्दी पहननी है।

कैसे हुई UPSC की तैयारी?

अनुराग आर्य आगे बताते हैं- बड़ी बात यह थी कि मैंने स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना भी बंद कर दिया बस की-पैड वाला फोन इस्तेमाल करने लगा। इससे मेरा समय भी बचने लगा और पढ़ाई में गंभीरता भी बनने लगी । शिद्दत से तैयारी के बाद मई 2012 में UPSC का प्री दिया और अक्टूबर 2012 में मेंस।

यह मेरा पहला अटेम्ट था, तब तक मैं RBI की नौकरी करता रहा। इसी दौरान मार्च 2013 में इंटरव्यू के लिए कॉल आ गई। तीन मई 2013 को UPSC का परिणाम घोषित किया गया जिसमें मेरी 113वीं रैंक आई। 

शुरुआती ढाई साल में ही चार जिलों के एसपी बने, साल 2019 से 2020 तक मऊ में तैनाती

अनुराग बताते हैं, "बात वर्ष जून-2019 की है बलरामपुर से मेरा तबादला मऊ के लिए कर दिया गया। मऊ मुख्तार को लेकर काफी चर्चित जिला था। मैं शहर की नब्ज जांचने के लिहाज से रात को ही जॉइनिंग करने के लिए निकल पड़ा। रात को एक बजे के आस-पास मैंने जॉइनिंग ली। फिर शहर में भ्रमण किया। रात ढाई बजे जैसे मैं सोने जा रहा था अचानक सूचना आई कि मधुबन क्षेत्र में किसी हिस्ट्रीशीटर की हत्या कर दी गई है।

इस मामले में गलत लोगों को नामजद करवा दिया गया था। इसके बाद पूरी जांच पड़ताल शुरू करवाई, तो जो वास्तविक आरोपी थे उनको गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और जिन लोगों को फर्जी फंसाया गया था उनके नाम मुकदमे से हटवाए गए।

इस एक केस से ही मऊ का अंदाजा लगने लगा था कि अभी भी यहां मुख्तार अंसारी का ही जलवा कायम है। तमाम पुलिसकर्मियों से लेकर प्रशासनिक तंत्र में उसके लोग बैठे हुए हैं। वही लोग उसका पूरा अर्थतंत्र चला रहे हैं। यहां वो हर तरह की अवैध वसूली करते हैं और मुख्तार के परिवार को पैसा जाता है।"

अवैध टैक्सी स्टैंड से 7 करोड़ की वसूली करवाता था मुख्तार अंसारी

अनुराग कहते हैं, जब मैंने मुख्तार अंसारी के कुछ गुर्गों पर लगाम कसना शुरू किया तो उसके खिलाफ छोटी मोटी सूचनाएं आनी शुरू हुईं। सबसे पहले हमें पता चला कि मुख्तार के नाम पर टैक्सी स्टैंड पर अवैध उगाही चल रही है। मुख्तार के गैंग के लोग यहां पर आने वाले वाहनों से वसूली करते थे। जो पैसे नहीं देता उसकी पिटाई करवाते थे।

इस अवैध वसूली स्टैंड को खत्म करने का अभियान शुरू कर दिया गया। यहां पैसों की उगाही करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर उन्हें जेल भेजा गया। जांच में पता चला कि मुख्तार के सबसे करीबी गुर्गे सऊद अब्बासी के नाम पर 7 करोड़ का यह ठेका दिया गया था। मैंने तत्कालीन जिलाधिकारी से बात करके इस ठेके को निरस्त करवाया। इसके बाद अवैध वसूली करने वाले सऊद अब्बासी और सुरेश को गैंगेस्टर एक्ट में जेल हुई। 

अनुराग आर्य ने वर्ष 2019 से 2020 तक मऊ में तैनाती के दौरान मुख्तार अंसारी गैंग पर बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने अवैध बूचड़खाने चलाने वाले मुख्तार अंसारी गैंग के 26 गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई की। साथ ही मुख्तार के शूटर अनुज कनौजिया का घर बुलडोजर से गिरवा दिया। अनुराग ने 2020 में मुख्तार अंसारी पर मुकदमा दर्ज किया। वर्ष 2013 के बाद यह पहला मौका था, जब मुख्तार पर कोई केस दर्ज हुआ। उन्होंने मुख्तार की काली कमाई के रिसोर्सेज पर हमला किया और उसके गुर्गों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।

यहीं से मुख्तार के आर्थिक तंत्र को तोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया। इसके साथ कुछ धमकियां भी आने लगीं कि भाई के गिरेबां में हाथ मत डालो। यह आपके लिए ठीक नहीं होगा। हालांकि मैंने इन सब धमकियों को कभी गंभीरता से नहीं लिया।"

मुख्तार के दबाव में जारी हुए थे असलहा लाइसेंस, इसी में फंसा माफिया

मुख्तार पर कार्रवाई का जिक्र करते हुए अनुराग बताते हैं, “मुख्तार अंसारी के तमाम गुर्गों पर कार्रवाई चल रही थी। मगर सीधे मुख्तार का कोई मामला सामने नहीं आ रहा था। इसी बीच एक जांच में पता चला कि 15 दिसंबर 2001 को मऊ सदर से विधायक रहे मुख्तार अंसारी के लेटर पैड पर चार असलहों के लाइसेंस जारी हुए हैं। ये लाइसेंस इसराइल अंसारी, अनवर शहजाद, सलीम और मोहम्मद शाह के नाम से थे। जांच में ये चारों लाइसेंस फर्जी पाए गए। इसी को आधार बनाते हुए 5 जनवरी 2020 को दक्षिण टोला थाने में माफिया विधायक मुख्तार अंसारी, तत्कालीन SO जेके सिंह और लेखपाल समेत सभी शस्त्र धारकों पर मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए। 2013 के एक मामले में भी उसे वांटेड घोषित किया गया।

इस दौरान मुख्तार पंजाब की रोपड़ जेल में था। मऊ से B वारंट जारी करवाकर मुख्तार को उत्तर प्रदेश लाने की प्रक्रिया शुरू की गई। हालांकि मुख्तार ने सुप्रीम कोर्ट में हवाला दिया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। वह बाइरोड उत्तर प्रदेश तक नहीं जा सकता। लेकिन हमने जांच में पाया कि वह कृष्णानंद राय हत्याकांड में बाइरोड दिल्ली पेशी पर आ रहा था। इसी को हमने आधार बनाया और सड़क मार्ग से ही उसे उत्तर प्रदेश तक लेकर आए। तब से आज तक मुख्तार बांदा जेल में इलाज, रहम और सुविधाओं की भीख मांग रहा है।

मुख्तार अंसारी के वो बड़े अवैध कारोबार जिन्हें आईपीएस अनुराग आर्य ने बंद कराए

-कसाई टोला में 40 वर्षों से चल रहा अवैध बूचड़खाना

-अवैध असलहों और जमीन का कारोबार

-दूरसंचार की ठेकेदारी

-आंध्र प्रदेश से मछलियों की तस्करी

-मऊ में अवैध टैक्सी स्टैंड

आईपीएस अनुराग आर्य ने मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गों पर जीरों टॉलरेंस की नीति अपना कर कार्रवाई की थी, जिसकी चर्चा आज भी मशहूर है।

2021 से आजमगढ़ के SP, शराब कांड में बाहुबली विधायक को भेजा जेल

अनुराग आर्य विगत 2021 से मऊ के पड़ोसी जिले आजमगढ़ के SP हैं। आजमगढ़ में 21 फरवरी 2021 को जहरीली शराब से 13 से अधिक लोगों की मौत हुई और 60 से अधिक लोग बीमार हुए थे। जिस ठेके से यह जहरीली शराब बिकी थी वह बाहुबली विधायक रमाकांत यादव के भांजे रंगेश यादव का था।

इस मामले में 13 आरोपियों पर गैंगस्टर और गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई। साथ ही इस मामले में आजमगढ़ के फूलपुर पवई से सपा के बाहुबली विधायक रमाकांत यादव को भी जेल भेजा गया।

ऐसे जांबाज और ईमानदार पुलिस अफसरों की वजह से ही देश में कानून का राज कायम है, वरना माफियाओं का राजनैतिक गठजोड़ और भ्रष्ट पुलिस वालों की वजह से तो देश में जंगल राज कायम होते देर नहीं लगती। 

"A Big Salute To IPS Anurag Arya"

पुलिस विभाग तो पहले भी कार्यरत था लेकिन मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया कई दशकों से अपना जुर्म का साम्राज्य चला रहे थे और पुलिस उनके खिलाफ एक सबूत तक नहीं जुटा पा रही थी। इससे साफ जाहिर होता है कि भ्रष्टाचार किस कदर हावी है।

आईपीएस अनुराग आर्य की पत्नी वनिका सिंह भी एक पीसीएस अधिकारी हैं। वे बास्केट बॉल खेलने के साथ ही लिखने के भी शौकीन हैं। उन्होंने अपने ब्लॉग में बहुत ही मोटिवेशनल लाइनें लिखीं हैं, जो नीचे दी गई हैं-

    "ख़्वाब को हकीकत बनाने चला हूँ"

इज्जत, शौहरत, चाहत, नफ़रत
इनकी फ़िक्र अब कहाँ है मुझे
मैं तो एक चिंगारी जलाने चला हूँ
ख़्वाब को हकीकत बनाने चला हूँ...
अब ना दिल के नगाड़ों का शोर
न ही है विचारों के द्वंद का जोर
मैं तो एक हिम्मत जुटाने चला हूँ
ख़्वाब को हकीकत बनाने चला हूँ...
दुनिया के मेले में बेवफ़ाई के रेले
जो थे बे-ईमां, वो भी खूब खेले
इन फ़िज़ाओं में चलते, हौंसलों में पलते
शमशानों सी सूनी, बाजारों सी उलझी
सितारों की दुनिया बसाने चला हूँ...
ना खंजर का डर है, परिंदों से पर हैं
ये कोशिश नहीं है, है ये एक चुनौती
इस चुनौती में खुद को मिटाने चला हूँ
ख़्वाब को हकीकत बनाने चला हूँ...
नजारे हैं बंजर, चुनौतियों का समंदर
पर इरादें हैं पत्थर, चाहे हो जो भी मंजर 
बस इरादों से दुनिया हिलाने चला हूँ
खंडहरों से इमारत बनाने चला हूँ...
ये यमुना की मिट्टी जो है सर्द मुझमें
कर्ज इसी का मैं चुकाने चला हूँ
जो बहता रगों में है खून उस से
इतिहास के पन्ने सजाने चला हूँ...
अनिश्चित था कल, अनिश्चित है कल
यूँ तो है जिंदगी का अनिश्चित हर पल
भुलाकर हर ठोकर, मिटाकर हर किस्सा
बस इस पल को अपना बनाने चला हूँ...
फितरत जो अब हो चली है ज़ुनूनी
इसी शौक़ में ख़ाक हो जाने चला हूँ
जरा सी तो ज़ुर्रत दिखाने चला हूँ
बस, एक ख़्वाब को हकीकत बनाने चला हूँ। 
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-IPS अनुराग आर्य के ब्लॉग https://a13unbridled.blogspot.com से साभार

*नोट :- यह लेख अनुराग आर्य के पर्सनल ब्लॉग, सोशल मीडिया तथा विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और दिए गए इंटरव्यू पर आधारित है।

*सभी फोटो- सोशल मीडिया
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2 Comments
  • बेनामी
    बेनामी 29 मार्च 2024 को 12:35 pm बजे

    Aap ne apne news channel ke madhyam se jo jankari di wo mujhe bahot hi achha laga , aur ummid karta hu isi prakar ki aur bhi jankari aap hume dete rahenge

  • arpit
    arpit 29 मार्च 2024 को 6:59 pm बजे

    Jai ho 🙏

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