यदि आपका बच्चा भी पढ़ाई में कमजोर है तो इसे जरूर पढ़ें

सभी बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट आ रहे हैं, जिनके बच्चे अच्छे मार्क्स लाए उनको बधाई लेकिन जिनके बच्चों के कम मार्क्स आए हैं, मैं उन सभी अभिभावकों से कहना चाहूंगा की अपने बच्चों को बिलकुल भी टॉर्चर न करें, न ही उन्हें ताने दें, क्योंकि हर बच्चे में अलग प्रतिभा होती है, सभी डॉक्टर, इंजीनियर ही नहीं बनेंगे। जिनका मैथ, साइंस कमजोर है वो भी बहुत कुछ बन सकते हैं। 

वैसे भी मार्क्स और परसेंटेज के हिसाब से आजकल न तो कहीं एडमिशन होता है और न ही कहीं कोई नौकरी मिलती है। जो एग्जाम पास करेगा उसी का कहीं भी चयन हो पाएगा। और ऐसा कोई जरूरी नहीं है की जो बच्चा एकेडमिक एग्जाम्स में कम मार्क्स लाया हो वो किसी भी कॉम्पिटिशन के लायक ही नहीं है या वो कोई भी एग्जाम पास नहीं कर सकता। 

यादि आपका बच्चा पढ़ने में कमजोर है तो जानने की कोशिश करिए की क्यों उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता। हो सकता हो उसके अंदर कोई ऐसा टैलेंट छुपा हो जिसे अभी तक बाहर आने के लिए एक सही मंच या प्लेटफॉर्म ही न मिल पाया हो। 

आजकल अवसरों की कमी नहीं है, एक पढ़ने में बिलकुल कमजोर बच्चा खेलकूद में इतना नाम और पैसा कमा सकता है जो एक डॉक्टर या इंजीनियर कभी नहीं। एक पढ़ाई में कमजोर बच्चा कोई पेंटिंग बनाकर इतनी शोहरत और पैसा कमा सकता है की आप सोच भी नहीं सकते। 

एक 40% मार्क्स वाला बच्चा IAS या PCS तक बन सकता है। ऐसे बहुत सारे उदाहरण मौजूद हैं। इतिहास में भी ऐसे बहुत सारे उदाहरण मौजूद हैं की पढ़ने में फिसड्डी होने के कारण स्कूल से निकाल दिए गए बच्चे बहुत बड़े साइंटिस्ट बन गए।

इसलिए सभी अभिभावकों से निवेदन है की अपने बच्चे के हुनर को पहचानें और उसे उसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। एकेडमिक रिकॉर्ड अच्छा होने के बाद भी आजकल बहुत से लोग बेकार घूम रहे हैं। 

अच्छे मार्क्स ही सिर्फ जीवन में काम नहीं आते और मैथ, साइंस ही सब कुछ नहीं होता और भी बहुत कुछ है दुनिया में करने को। हर बच्चे को प्रकृति ने कुछ अलग, कुछ खास टैलेंट दिया है। आप भी अपने बच्चे की उस खास प्रतिभा को पहचान कर उसे निखरने का भरपूर अवसर दें।

एक बात हमेशा याद रखें की आपका बच्चा जो भी बनना चाहता है यदि आपने उसे वो नहीं बनने दिया, तो वो बच्चा कभी भी खुश नहीं रह पाएगा, उसे कभी आत्मसंतुष्टि नहीं महसूस होगी। फिर वो जो भी करेगा आधे मन से ही करेगा और सारी जिंदगी घुट घुटकर ही जीएगा। 

इसलिए बेहतर यही है की अपने बच्चे पर अपनी च्वाइस और अपनी इच्छाएं कभी न थोपें। लोग क्या कहेंगे या सोसायटी में आपकी नाक कट जाएगी, ऐसी वाहियात बातों के लिए अपने बच्चे को जिंदगी भर घुट घुटकर जीने पर मजबूर न करें।

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