क्या है किसान आंदोलन का असली सच? कहीं ये देश में अराजकता फैलाने की बड़ी साजिश तो नहीं?

किसान के भेष में दिल्ली घेरने आये Blank स्पेसियों ने बुराड़ी के निरंकारी मैदान में जाने से मना कर दिया है। वो कह रहे हैं कि बुराड़ी के मैदान में नही जाएंगे, जंतर मंतर दो या फिर रामलीला मैदान।

गौरतलब है कि जंतर मंतर की capacity कुछ सौ या हज़ार दो हजार प्रदर्शनकारियों की है। रामलीला मैदान में 10-20 हज़ार आ सकते हैं पर पैदल, ट्रेक्टर-ट्राली लेकर घुसने लायक तो दिल्ली हरगिज़ नही है।


सरकार कहती है बुराड़ी के मैदान में बैठो, सारे आ जाओ, बल्कि लाख दो लाख और बुला लो। यहां मंच बना लो, खूब भाषण पेलो, जितनी नेतागिरी करनी है करो। बनाओ खाओ, पीने का पानी है, संडास है, पुलिस, एम्बुलेंस, डॉक्टर, अस्पताल सब है, सुरक्षा है। करो खूब प्रदर्शन, प्रतिनिधि मंडल भेज दो, 3 राउंड वार्ता पहले हो चुकी है, दो तीन Round और कर लेंगे।


पर सच बात ये है कि इन Blank स्पेसियों की वार्ता में कोई रुचि ही नही है। सच ये है कि इनकी कोई मांग है ही नही। इनको सिर्फ और सिर्फ दिल्ली घेरनी है। दिल्ली की सड़कों पे जाम लगाना है। इन्हें तो 10,000 ट्राली और 3 लाख आदमी का संख्याबल दिखाकर अराजकता फैला के केंद्र सरकार को परेशान करना है।


बुराड़ी ये जाएंगे नही इसलिये ये दिल्ली के सभी Borders पर, दिल्ली आने वाली सभी सड़कों पे जाम लगा के बैठे हैं। ये दरअसल केंद्र को मजबूर कर रहे हैं कि वो इनपर बल प्रयोग करे, इनसे सड़क खाली कराए। जिससे कि ये फिर बेचारा, निरीह, गरीब किसान, अन्नदाता बन के Victim play कर सकें।

ये सरकार को मजबूर करेंगे कि वो इनपर लाठी-गोली चलाये, जिससे कि ये फिर पंजाब में नंगा नाच कर सकें। 

देश की तमाम विपक्षी पार्टियां इनकी योजना को समझ रही हैं, फिर भी इन्ही के पक्ष में बोलेंगी क्योंकि मोदी सरकार से तो सबको चिढ़ है। 

इनकी इस कुत्सित योजना से बेशक़ पंजाब जलने लगे, Congress को कोई फर्क नही पड़ता। मोदी सरकार को परेशान करने के लिए अस्थिर करने के लिये पंजाब जलता है तो जलने दो।
Next Post Previous Post
2 Comments
  • Neetu rawat
    Neetu rawat 18 दिसंबर 2020 को 9:28 pm बजे

    Nice post

    • Admin
      Admin 20 दिसंबर 2020 को 5:22 am बजे

      shukriya

Add Comment
comment url