कोरोना संकट काल के असली विलेन कौन?

ऐसे में जबकि पूरा देश कोरोना महामारी के संकट से बुरी तरह जूझ रहा है मुझे सबसे बड़े विलेन के रूप में यदि कोई दिख रहा है तो वे हैं प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डाक्टर्स। 

आज संकट की इस घड़ी में जब देश की जनता को इनकी सबसे अधिक जरूरत है तो ये सब के सब लापता हैं। कहीं दूर दूर तक इनका कोई सुराग नहीं मिल रहा है। लगता है ये लोग खुद को ही होम क्वारंटाइन किये हुए हैं। इस दौर में ये प्राइवेट डॉक्टर सबसे बड़े कायर और भगोड़े साबित हुए हैं।

सबसे बड़े आश्चर्य की बात तो ये है कि इनके अपना क्लीनिक छोड़कर भागते ही उन तमाम मरीजों का भी कुछ पता नहीं चल रहा जो हजारों की संख्या में रोज लाइन लगाए इनके क्लीनिक पर इलाज कराने आते थे। मुझे समझ नहीं आ रहा कि वे सब मरीज इन डॉक्टरों के गायब होते ही क्या खुद बखुद ठीक हो गए या इनके द्वारा उन्हें जान बूझकर बीमार किये रहना ही इनका असली पेशा था। बार बार चेकअप के बहाने क्लीनिक बुलाकर फीस के नाम पर मोटी रकम ऐठना, बेवजह तमाम टेस्ट और दवाइयां लिखना यही इनका असली पेशा था क्या?

गौर करने वाली बात है कि इन प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवाले डॉक्टरों के क्लीनिक पर लगने वाली वो भारी भीड़ अब बिना इनके इलाज के कैसे जी रही है। मुझे तो आजकल किसी भी मोहल्ले में दर्द से कराहता कोई भी मरीज नहीं दिख रहा। आखिर माजरा क्या है? क्या ये बीमारी और मरीज सब इन प्राइवेट डॉक्टरों के पेशे की ही उपज है? 

और लोग इसलिए स्वस्थ हैं क्योंकि इन यमराजों की क्लीनिक भी नहीं चल रही है। तो जागो ग्राहक जागो की तर्ज पर आप सब लोग भी पहचान लीजिए इन गद्दारों और मानवता के दुश्मनों को। क्योंकि संकट में ही अच्छे बुरे की असली पहचान होती है।

संकट काल में मैदान छोड़कर भागने वाले  ये भगोड़े डॉक्टर्स हमारे समाज के सबसे बड़े विलन हैं। देश की जनता की मेहनत की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा डकार जाने वाले इन इंसानियत के दुश्मनों ने तो अपने डॉक्टरी के पेशे को ही कलंकित करके रख दिया है।

पता चला है कि अधिकतर डॉक्टर्स क्लीनिक बन्द कर अपने घरों से ही चोरी छिपे मरीजों को देख रहे हैं और मौके का फायदा उठाते हुए उनसे दुगनी फीस भी वसूल रहे हैं। इनके अंदर का इंसान तो पहले ही मर चुका है तभी तो ये मर चुके मरीज की लाश तक को तब तक नहीं जाने देते जब तक घरवाले पूरा बिल न भर दें। और मरते हुए मरीज का इलाज भी तब तक नहीं शुरू करते जब तक एडवांस में इलाज का खर्च न जमा करा लें। इस संकट काल में लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने वाले ये डॉक्टर्स मानवता के सबसे बड़े दुश्मन हैं। 

इस संकट काल में हमारे असली कोरोना वारियर्स तो हमारे सरकारी डॉक्टर्स ही हैं जो अपनी जान पर खेलकर दिन रात जनता की सेवा में लगे हैं। 

मैं उन सभी वीर योद्धाओं को सैलूट करता हूँ जो इस संकट की घड़ी में जी जान से जनता की सेवा में लगे हैं!!


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