Tandav Web Series में उड़ाया गया हिन्दू देवताओं का मजाक, ये है इसकी विवादित कहानी

Tandav Amazon Prime Videos पर रिलीज़ हुई नई web series है। इसमें मुख्य किरदार सैफ अली खान (Saif Ali Khan), डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadia), मो. ज़ीशान आयूब और Comedian सुनील ग्रोवर (Sunil Grover) निभा रहे हैं। गौरव सोलंकी की लिखी कहानी है और Tandav के डायरेक्टर हैं अली अब्बास जफर ( Ali Abbas Zafar), यानी अपनी कौम को महिमामण्डित करना तो बनता है और हिन्दू देवी देवताओं का मजाक उड़ाना तो Bollywood का ट्रेंड ही बन गया है।
Tandav Web Series की कहानी शुरु होती है Greater Noida के मालकपुर नामक गाँव से जहाँ पर सरकार ज़बरदस्ती किसानों की ज़मीन को औने पौने दामों पर ख़रीदकर उसे स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन में डाल रही है और इसके ख़िलाफ़ वहां के Kisan Protest कर रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर Noida पुलिस का Sub Inspector ठाकुर (श्रीकांत वर्मा) और उसका साथी इस आंदोलन का मज़ाक बना रहे हैं और duty पर जीप के पास खड़े होकर कोल्ड ड्रिंक में शराब मिलाकर मजे से पी रहे हैं।

तभी वहां Prime Minister का पीए गुरपाल (Sunil Grover) आकर सब इंस्पेक्टर को तीन मुस्लिम लड़कों पर गोलियां चलाकर उन्हें फेक एनकाउंटर में मार देने के लिए कहता है।
वहीं दूसरी ओर लोकसभा Elections के Results आने में सिर्फ दो ही दिन बचे हैं और दो बार की चुनी गयी देवकीनंदन (तिग्मांशु धूलिया) की Govt एग्जिट पोल में पहले ही बहुमत ला चुकी है। लेकिन देवकी नंदन का बेटा समर प्रताप सिंह (Saif Ali Khan) बाप को साइड कर ख़ुद PM बनने के सपने देख रहा है वहीं उसके बाप की पुरानी दोस्त अनुराधा (Dimple Kapadia) अपने नशेड़ी बेटे को Defence Minister बनवाना चाहती है।

Tandav वेब सीरीज में तीसरी ओर VNU (विवेकानंद यूनिवर्सिटी) नाम के एक काल्पनिक कॉलेज को दिखाया गया है जो पहली ही झलक में JNU होने की चुगली करता है। यहाँ के एक छात्र इमरान (JNU के उमर खालिद जैसा किरदार) को पुलिस आतंकी कहकर उठा ले जाती है। ठीक उसी वक़्त एक प्रोग्रेसिव छात्र नेता शिवा शंकर (मुहम्मद ज़ीशान आयूब) जिसका रोल असल में JNU वाले कन्हैया कुमार से हूबहू मिलता है, वो कालेज में एक प्ले कर रहा है जिसमें वो कोट पेंट पहने और मुँह पर प्लस के साइन बना हुआ नीला पेंट लगाए हुए भगवान शिव का रोल प्ले कर रहा है जिसे एक लड़का नारद बनकर बता रहा है कि सोशल मीडिया पर रामजी के followers दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। इस डायलॉग पर भीड़ में से जोर-जोर से ठहाके लगाने और हू..हू की आवाजें निकालते दिखाया गया है। नारद बना कलाकार आगे बोलता है प्रभु अब हमें भी कोई नई सोशल मीडिया स्ट्रैटेजी बना लेनी चाहिए। इस पर भगवान शिव का रोल प्ले कर रहा कलाकार पूछता है 'क्या करूँ, नई फ़ोटो लगा लूं?' (फिर भीड़ के जोरों से ठहाकों की आवाजें) इस पर नारद का डायलॉग 'प्रभु आप बहुत भोले हैं, कुछ नया ट्राई कीजिए, कुछ नया tweet कीजिये, infact कुछ sensational, कोई भड़कता हुआ शोला, जैसे कि कैंपस के सभी स्टूडेंट देशद्रोही हो गए, आज़ादी-आज़ादी के नारे लगा रहे हैं। इस पर शिव भगवान नाराज होकर कहते हैं 'आज़ादी व्हाट द फ*क' (यहाँ एक गाली का प्रयोग किया गया है) इस पर भीड़ के खूब जोरों से हू-हू...और ठहाकों की आवाजें गूंजने लगती हैं। यहाँ कई फूहड़ जोक्स भगवान शिव और राम के नाम पर मारे जाते हैं। अब भला ये कौन सी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है जिसमें भगवान शिव के मुंह से गाली दिलवाना जरूरी है?


Tandav के इस सीन को देखने से साफ पता चलता है कि जानबूझकर इसे हिंदुओं को टारगेट करने और हिन्दू देवी देवताओं का फूहड़ मज़ाक बनाने के लिए ही शूट किया गया है। जैसा कि PK फ़िल्म में भी किया गया था।

Tandav की आगे की कहानी में अब छात्रों का एक जत्था इमरान को छुड़ाने के लिए थाने का चक्कर लगाने लगता है और पुलिस बल उन्हें घेरकर पीटने का प्लान बना लेती है। वहीं समर प्रताप अपने बाप को हटाने का सारा प्लान बना चुका है और शपथ ग्रहण से ठीक एक दिन पहले रात में वो अपने बाप को शराब में जहर देकर मार देता है।

Tandav में बॉलीवुड डायरेक्टर Ali Abbas Zafar ने अपनी ओर से मिक्स अप करके ट्विस्ट एंड टर्न करने की कोशिश की है। लेकिन गौरव सोलंकी की लिखी कहानी असल और काल्पनिक राजनीति का mixture बांटने का मौका भुनाती नज़र आती है। कुछ भी नयापन इस कहानी में नहीं नज़र आता। कहानी ज़बरदस्ती खिंचती भी नज़र आती है। 
Tandav में जगह-जगह बार बार सिर्फ मुस्लिमों पर होते हुए अत्याचारों को ग्लोरीफाई किया गया प्रतीत होता है। तमाम ऐसे डायलॉग मुस्लिम कैरेक्टर्स द्वारा बुलवाए गए हैं जैसे 'हमें मार देना बड़ा आसान है', 'हमारा आतंवादियों से कनेक्शन दिखाकर ठोंक देंगे'। कहने का मतलब की मुस्लिमों पर सरकार हर तरह से ज्यादती कर रही है, उन्हें बेवजह फंसा रही है, उनका उत्पीड़न कर रही है। जबकि वे पूरी तरह निरीह और निर्दोष हैं।
छात्रों की भीड़ जोरो से आज़ादी-आज़ादी के नारे हर जगह लगाती दिखती है। जैसे...'ब्राह्मणवाद से आज़ादी, मनुवाद से आज़ादी, सामंतवाद से आज़ादी, हम लेके रहेंगे आज़ादी...आज़ादी'

सैफ अली खान ने करैक्टर तो हिन्दू का प्ले किया है लेकिन वो हर जगह किसी मुस्लिम कसाई जैसे ही लगते हैं। उन्हें एक जगह चिकेन लेग पीस फ्राई करते भी दिखाया गया है। 

Dimple Kapadia ने अच्छी एक्टिंग की है, लेकिन पहले की डिंपल को देखने वाले उनके इस बूढ़े रूप को शायद ही हज्म कर पाएं। आंखें धंसी हुई, सूखा हुआ चेहरा, बुढापा बुरी तरह असर कर गया लगता है। कॉमेडियन Sunil Grover का आपको इमेज से हटकर एक नया बेहद गम्भीर रूप देखने को मिलेगा। ज़ीशान आयूब ने जो शिवा का करैक्टर किया है वो पूरी तरह JNU के कन्हैया कुमार के जैसा ही है। क्योंकि शिवा को भी बिहार से आये हुए एक वामपंथी विचारधारा के छात्र के रूप में कालेज में लेफ्ट से चुनाव लड़ते दिखाया गया है।
कुल मिलाकर Tandav बॉलीवुड के मुस्लिम एजेंडे को आगे बढाने वाली एक और वाहियात मसाला वेब सीरीज़ है जिसमें आज की राजनीति में से कुछ, बीती राजनीति में से काफ़ी कुछ और ज़रा बहुत काल्पनिकता का तड़का मारकर पेश किया गया है। 
शुरुआत से ही Tandav की कहानी एक प्रोपेगैंडा परोसती नज़र आती है। यह प्रोपेगैंडा पूरी तरह ख़ास मुस्लिम वर्ग को ख़ुश करने के लिए है, यह देखने वाले की निगाह बहुत अच्छे से जज कर सकती है। कहानी थोड़ा बहुत प्रकाश झा की फ़िल्म राजनीति की भी झलक देती है लेकिन राजनीति इससे कई गुना बेहतर फिल्म थी। डायरेक्टर अली अब्बास जफर ने अपनी कौम को महिमामण्डित करने और हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हर जगह यह साबित करने की भरपूर कोशिश की गई है कि देश की सरकार और पुलिस बेगुनाह मुस्लिमों का बेवजह अत्याचार और उत्पीड़न करते है। 

Tandav वेब सीरीज का उद्देश्य हिंदुओं की आस्था से खेलना, टुकड़े टुकड़े गैंग को सपोर्ट करना और ऐसे कई एजेंडे को हवा देना जैसे....

- शिव जी परेशान हैं क्योंकि श्री राम जी सोशल मीडिया पर लोकप्रिय हो रहे हैं
- सरकार किसानों के विरोध को दबा रही है
- पुलिस सभी जगह पर सिर्फ़ मुसलमानों को मार रहे हैं
- UAPA बहुत भयानक क़ानून है
- “हम क्या चाहते आजादी” (कन्हैया कुमार) फ़ेम एक देशभक्ति गीत है
- एक ख़ास पार्टी का आईटी सेल एक हैशटैग चलाने वाले कारखाने की तरह काम करता है..
- कोई भी पत्रकार सिर्फ़ “बरखा” लुक वाली को छोड़कर किसानों और छात्रों की मदद नहीं करता है

यह स्पष्ट है कि Amazon और Netflix भारत के खिलाफ हर चीज का महिमामंडन करते हैं। Tandav एक बहुत ही वाहियात वेब सीरीज है! इसको बैन किया जाना चाहिए।

अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि एक के बाद एक बॉलीवुड की हर प्रोडक्शन में हिंदुओं की धार्मिक भावनाओ को ही क्यों बार बार टारगेट किया जाता है। हमारे देवी देवताओं का खुलेआम मज़ाक बनाना क्या जायज है? बॉलीवुड की किसी भी फ़िल्म या सीरीज में क्यों नही कभी मुस्लिमों के किसी अल्ला, पीर, पैगम्बर या मौलवी के बारे में कुछ हंसी-मजाक दिखाया जाता है? क्या हमारी कौम को कमजोर समझा जाता है? या हमने शुरू से कभी विरोध नहीं किया ये सब उसी की देंन है? 

विश्व के किसी भी देश मे मोहम्मद का चित्र या कार्टून बन जाये तो मार काट मच जाती है, भारत मे मुस्लिम सड़को पर आ जाते है। दूसरी तरफ भारत मे हमारे बीच ही रहकर Tandav जैसी वेबसीरीज बना कर सैफ अली खान, मोहम्मद जीशान अयूब और अली अब्बास जफर जैसे लोग बिना किसी डर व रोक टोक के हमारे आराध्यों का उपहास उड़ा रहे है एवं अपना एजेंडा फैला रहे है। आखिर कब जागेंगे हम? बहिष्कार नही अब प्रहार होना चाहिए।

इसलिए पूर्व की भांति चुपचाप तमाशा मत देखिए, अब से भी विरोध करना शुरू कीजिए, गलत के खिलाफ आवाज़ उठाना शुरू करिए। हिंदुस्तान में हिन्दू ही कमजोर पड़ गया तो ये विदेशी OTT प्लेटफार्म वाले बॉलीवुड के साथ मिलकर हमारी संस्कृति, हमारे समाज को पूरी तरह नष्ट-भ्रष्ट कर डालेंगे। यदि अब भी आप चुप रहे तो कहीं ऐसा न हो कि एक दिन आपकी संतान ही आपको पूजा करते देख आपका मज़ाक उड़ाना शुरू कर दे।

लखनऊ में निर्माता-निर्देशक और अमेज़न के खिलाफ दर्ज हुआ FIR
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